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25 April 2024पाकिस्तान सरकार ने लाहौर हाईकोर्ट को बताया कि मुंबई हमले के मास्टरमाइंड एवं जमात उद दावा के प्रमुख हाफिज सईद तथा उसके चार सहयोगियों को हिरासत में लिया जाना कानून का कोई उल्लंघन नहीं है। सरकार ने अदालत को यह भी बताया कि उसके पास यह विश्वास करने के कारण थे कि जमात उद दावा (जेयूडी) तथा इससे संबद्ध संगठन फलाह ए इंसानियत फाउंडेशनएफआईएफ ऐसी गतिविधियों में लिप्त हैं जो शांति एवं सुरक्षा के लिए हानिकारक हो सकती हैं। कल अदालत को सौंपे गए लिखित जवाब में पाकिस्तान के गृह मंत्रालय ने जेयूडी नेताओं को 30 जनवरी को हिरासत में लिए जाने का यह कहकर बचाव किया कि कार्रवाई आतंकवाद रोधी कानून 1997 के तहत की गई है।
मंत्रालय ने कहा कि जेयूडी और एफआईएफ को विदेश मंत्रालय द्वारा भेजी गई रिपोर्ट के आधार पर निगरानी में रखा गया। इसने कहा कि उस रिपोर्ट के परिप्रेक्ष्य में संघीय सरकार के पास यह विश्वास करने के कारण थे कि जेयूडी और एफआईएफ कुछ ऐसी गतिविधियों में संलिप्त हैं जो शांति एवं सुरक्षा के लिए हानिकारक तथा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव के प्रति पाकिस्तान के दायित्व का उल्लंघन हो सकती हैं।
गृह मंत्रालय ने अदालत से हिरासत को चुनौती देने वाली सईद और उसके सहयोगियों की याचिकाओं को खारिज करने का आग्रह किया। न्यायाधीश सदाकत अली खान की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने रिपोर्ट का अध्ययन किया और याचिका पर सुनवाई 27 अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दी। पाकिस्तान सरकार ने 30 जनवरी को जेयूडी तथा एफआईएफ के सईद और 4 नेताओं को आतंकवाद रोधी कानून के तहत लाहौर में नजरबंद कर दिया था।
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22 April 2017
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