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26 March 2024नई दिल्ली में 11वें सिविल सेवा दिवस समारोह के मौके पर शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रशासनिक अधिकारियों को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि अधिकारी समय के साथ खुद को बदलें। बकौल मोदी, हमारी जिम्मेदारी बढ़ गई है। 15-20 साल में प्रतिस्पर्धा का दौर बढ़ा है। हमें जल्द अब अपनी कार्यशैली बदलनी पड़ेगी। लोगों के पास अब विकल्प मौजूद हैं। सरकार के रहते लोगों को बोझ महसूस नहीं होना चाहिए। चुनौती को अवसर में बदलना होगा। इस प्रतिस्पर्धा के दौर में सर्वोत्तम लोगों से सर्वोत्तम काम की उम्मीद है। मोदी बोले गृहणियों से मैनेजमेंट सीखें अफसर।
पीएम मोदी ने कहा कि सबसे मेधावी छात्र अाईएएस बनते हैं, काम भी उसी हिसाब से होना चाहिए। अब लोग निजी अस्पतालों की तुलना सरकारी अस्पतालों से करते हैं। अगर काम करने के तरीके को बदलेंगे तो चुनौती भी अवसर में बदल जाएगी।यह प्रतियोगिता का दौर है इसलिए चुनौती भी ज्यादा बड़ी है। समर्पण भाव से काम करना चाहिए, नाम कमाने की इच्छा न होना ही सबसे बड़ी ताकत है। अच्छे काम के लिए टीम वर्क जरूरी है। ताकत का सही इस्तेमाल पता होना चाहिए।
'मैं चाहता हूं कि अगले एक साल में काम की क्वालिटी में बदलाव हो, सिर्फ सर्वश्रेष्ठ होने से काम नहीं चलता है। अगर सर्वश्रेष्ठ होने का ठप्पा आप पर लगा है तो उसे आदत बनाना जरूरी है। अफसरों को गृहणियों से काफी कुछ सीखने की जरुरत है, वह किस तरह परेशानियों के बावजूद सभी चीजों को मैनेज करती हैं।
गृहिणी परिवार को नई ऊंचाई पर ले जाती है, वही जिम्मेदारी आपकी भी है। वरीयता क्रम का बोझ अंग्रेजों के जमाने से चला आ रहा है, हमें अपने अनुभव को बोझ नहीं बनने देना चाहिए।''
मोदी ने कहा कि हमें गर्व होना चाहिए कि जहां मैंने काम किया कि उस काम को मेरे जूनियर ने आगे बढ़ाया।मोदी बोले कि हम सभी एक साथ मिलकर काम करना होगा। मोदी ने कहा कि सिविल सर्विस की सबसे बड़ी ताकत को खोने नहीं देना चाहिए, अफसरों की सबसे बड़ी ताकत अनामिका है। जो कि अफसर की सोच और उसके विजन को दर्शाती है।
मोदी ने कहा कि मैं सोशल मीडिया की ताकत को जानता हूं, सोशल मीडिया के जरिए लोगों को जागरुक किया जा सकता है। जिला लेवल के अफसर भी इसका फायदा उठा सकते हैं, वह अफसर इसका फायदा भी उठा रहे हैं।मोदी ने कहा कि काम के दौरान सोशल मीडिया पर खुद का प्रचार जरुरी नहीं है, सोशल मीडिया का इस्तेमाल जनता की भलाई के लिए करना चाहिए। अपने विवेक से ताकत का इस्तेमाल करना चाहिए।
मोदी बोले कि अगर मैं भी आपकी तरह अफसर होता तो आज सचिव के पद पर होता, 16 साल की नौकरी के बाद आपके बराबर पहुंच पाता। मोदी ने कहा कि मैंने बैठक के दौरान मोबाइल पर रोक लगाई। हर किसी को लगना चाहिए कि देश मेरा है, सरकार मेरी है। सभी लोगों को जिम्मेदारी का एहसास होना चाहिए।
मोदी ने कहा कि अफसरों की काफी ताकत है, आपके हस्ताक्षर से बहुत कुछ बदलता है। उन्होंने कहा कि देश की शासन व्यवस्था अफसरों की ऊंगलियों पर मौजूद है। आपको अभाव के बीच भी रास्ते खोजने होंगे। मोदी ने कहा कि अफसरों को अपने हर निर्णय को राष्ट्रहित के तराजू में तौलना चाहिए। इस बात में कभी भी कमी नहीं आनी चाहिए।
मोदी ने कहा कि एक अफसर अगर फाइल में कुछ गलत लिख दे, तो मामला कोर्ट में चला जाता है और वर्षों तक मामला अटक जाता है। मोदी ने कहा कि इन छोटी वजहों से कई काम अटकते हैं। मैं हमेशा ही ईमानदार अफसरों के साथ हूं।
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21 April 2017
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