सबसे ज्यादा बाघों की मौत मध्यप्रदेश में
बाघों की मौत मध्यप्रदेश

मप्र बाघों की मौत का गढ़ बनता जा रहा है जहां हर महीने औसत 2 से 3 बाघों की मौत हो रही है। पिछले 15 महीने में 37 बाघों (शावक भी शामिल) की मौत हो चुकी है। इसमें से 75 फीसदी बाघों की मौत करंट लगने, जादू-टोने के लिए शिकार करने, ट्रेन की चपेट में आने और बाघों के बीच आपसी लड़ाई के कारण हुई है। यह आंकड़ा देश के अन्य राज्यों की तुलना में सबसे अधिक है। इसके बावजूद बाघों की मौत की घटनाएं थम नहीं रही है। शुक्रवार रात को फिर भोपाल के पास  मिडघाट से बुदनी घाट सेक्शन के बीच ट्रेन की चपेट में आने से एक और बाघ (मादा) की मौत हुई है। उसके पहले जनवरी 2016 से मार्च 2017 तक 36 बाघों की मौत हो चुकी है।

मिडघाट-बुदनी सेक्शन में 23 मई 2015 को पहली बार बाघ की मौत ट्रेन की चपेट में आने से हुई। उसके बाद से 01 अप्रैल 2017 तक दो बाघ और एक तेंदुए की मौत इसी सेक्शन में ट्रेन की चपेट में आने से हुई। फिर भी कॉरिडोर का काम अटका है, वन विभाग ने जाली लगाने में देरी की।

शहडोल, बालाघाट, छिंदवाड़ा, कान्हा व पेंच टाइगर रिजर्व में एक दर्जन बाघों की मौत करंट लगने से हुई। कान्हा, बांधवगढ़, पन्ना और पेंच टाइगर रिजर्व में करीब 10 बाघों की मौत आपसी लड़ाई में हुई।

मई-जून 2015 में सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में बाघों का शिकार हुआ। बाघों की हड्डी और खाल दिल्ली व छिंदवाड़ा के नवेगांव थाने से जब्त की। इसी मामले में दिल्ली से एक आरोपी जे तमांग को गिरफ्तार किया। जिसके खिलाफ इंटरपोल ने नोटिस जारी किया।

बाघों की मौत के आंकड़े बताते हैं मध्यप्रदेश बाघों की कब्रगाह बन रहा है ,नेशनल टाइगर कंजरवेशन अथॉरिटी (एनटीसीए) के अधिकृत पोर्टल से प्राप्त आंकड़े मध्यप्रदेश के लिए चौकाने वाले हैं। 

 

कहां कितनी मौत (2016)          

राज्य                              बाघों की मौत                          

मध्यप्रदेश                     31

कर्नाटक                     18

महाराष्ट्र                     16

उत्तराखंड                     12

तमिलनाडू                      07

असम                     06

राजस्थान                     04

केरला                     04

उत्तरप्रदेश                     03

बिहार                     02

नागालैंड                     02

अरूणाचल प्रदेश     01

उड़ीसा                     01

आंध्रप्रदेश                     01

 

साल 2017

मध्यप्रदेश                    05

ऐसे बढ़ा बाघों की मौत का ग्राफ

साल       मौतें

2015 12

2014 15

2013 10

2012 13

2011 06

2010 09

2009 19

इस गंभीर मसले पर मध्यप्रदेश के वन मंत्री डॉ गौरीशंकर शेजवार ने कहा बाघों की प्राकृतिक मौतों पर रोक नहीं लगा सकते। शिकार और आपसी लड़ाई को कम करने के लिए हर स्तर पर प्रयास कर रहे हैं। बरखेड़ा-बुदनी के बीच ग्रीन कॉरिडोर के लिए स्टेट वाइल्ड लाइफ बोर्ड ने अनुमति दे दी है। सेंट्रल वाइल्ड लाइफ बोर्ड के पास मामला है आगे और कोशिश की जाएगी कि बाघों की मौत न हो।

 

 

Dakhal News 2 April 2017

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