Dakhal News
25 April 2024
मध्यप्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र में अपनी ही सरकार के सामने मुश्किल खड़ी करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर के खिलाफ पार्टी के कई नेता मुखर होने लगे हैं। वहीं वरिष्ठ नेता रघुनंदन शर्मा ने गौर के सवालों को जायज ठहराया है।
पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी ने कहा कि सदन के बजाए गौर को पार्टी के भीतर अपनी बात की जानी चाहिए। ऐसे मामलों में सार्वजनिक रूप से बोलना आपत्तिजनक है।
राजस्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता बोले कि हर एक नेता को मर्यादा का पालन करना चाहिए। यदि कोई भी इसके बाहर जाएगा तो उस पर कार्रवाई होनी चाहिए। प्रदेश के कृषि मंत्री बिसेन ने कहा कि गौर अनुशासन में रहकर ही अपनी बात रखें ।
भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष रघुनंदन शर्मा ने इस मामले में गौर का पक्ष लिया। वह बोले कि विधायक के नाते सरकार से सवाल करना विशेषाधिकार है। लोकतंत्र में जनहित के मामले कोई भी उठा सकता है, सत्तारूढ़ दल का विधायक भी सरकार से अपने मन की बात कर सकता है। गौर अब मंत्री नहीं हैं इसलिए सामान्य विधायक का दायित्व निर्वहन कर रहे हैं।
सुमावली से पार्टी के युवा विधायक सत्यपाल सिंह 'नीटू" ने गौर को पार्टी से बाहर करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि सदन में गौर ने यदि सरकार पर अनर्गल बयानबाजी की तो उनका विरोध किया जाएगा।
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28 July 2016
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