वह दिन दूर नहीं जब रसोई गैस की तरह तरह केरोसिन की सब्सिडी भी सीधे गरीबों के बैंक खाते में जाएगी। सरकार केरोसिन की कालाबाजारी रोकने के इरादे से चुनिंदा33 जिलों में केरोसिन सब्सिडी सीधे गरीबों के बैंक खाते में भेजने की पायलट योजना के साथ पूरे देश में इसे विस्तार देने की योजना बना रही है। इसके अलावा केंद्र ने हरियाणा को जल्द ही केरोसिन फ्री राज्य बनाने का लक्ष्य भी रखा है।
पेट्रोलियम मंत्री धमेंद्र प्रधान ने लोक सभा में एक पूरक प्रश्न का जवाब देते हुए यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई अंतरराज्यीय परिषद की बैठक के एजेंडा में जन वितरण प्रणाली को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के दायरे में लाने का मुद्दा शामिल था। कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, झारखंड, मध्य प्रदेश, गुजरात और उड़ीसा ने इसे डीबीटी के तहत लाने को सहमति दे दी है। इसी वर्ष 33 जिलों में केरोसिन सब्सिडी भेजने के लिए डीबीटी की एक पायलट योजना चल रही है।
प्रधान ने कहा कि केरोसिन सब्सिडी डीबीटी के माध्यम से देने से जो भी धनराशि केंद्र को बचेगी उसका 75 प्रतिशत राज्यों को दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार राज्यों को केरोसिन फ्री बनाने की दिशा में भी कदम बढ़ा रही है। हरियाणा को जल्द ही केरोसिन फ्री राज्य बना दिया जाएगा। पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाने के सवाल के जवाब में प्रधान ने कहा कि सरकार इस दिशा में राज्यों की सहमति के साथ प्रयास कर रही है। उन्होंने इस आरोप को खारिज किया कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट का पूरा फायदा ग्राहकों को नहीं दिया जा रहा है। प्रधान ने कहा कि मोदी सरकार ने अब तक 27 बार पेट्रोल तथा 21 बार डीजल की कीमतों में कटौती की है।
कांग्रेस सदस्य शशि थरूर ने जब यह सुझाव दिया कि सरकार को पेट्रोल व डीजल की कीमतों में कमी का फायदा ग्राहकों को देना चाहिए ताकि अर्थव्यवस्था में मांग बढ़ सके। प्रधान ने इसका जवाब देते हुए कहा कि मोदी सरकार की प्राथमिकता में कृषि व ग्रामीण क्षेत्रों में ढांचागत सुविधाओं का विकास करना है, इसलिए सरकार कुछ राशि इन उत्पादों पर टैक्स लगाकर जुटा रही है। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु और मिजोरम तथा कुछ केंद्र शासित प्रदेशों को छोड़कर सभी राज्यों ने पेट्रोलियम उत्पादों पर टैक्स बढ़ाया है।