पत्रकार : रवींद्र कैलासिया
पत्रकार रवींद्र कैलासिया

 

अक्खड़ और ईमानदार पत्रकारिता की मिसाल 

महेश दीक्षित 

मध्यप्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार और नवदुनिया भोपाल में न्यूज एडिटर रवीन्द्र कैलासिया प्रदेश के उन अक्खड़ एवं ईमानदार पत्रकारों में शुमार हैं कि उनसे ऐसा-वैसा तो बात करने मेें ही घबराता है। एक समय उनके बारे में कहा जाता था कि यदि कुछ सुनना है, तो कैलासिया से मुंहजोरी करो। वर्ना उनके सामने चुप रहो, तो ज्यादा ठीक है। पुलिस वाला हो या पत्रकार या फिर कोई रसूखदार उनसे बात करने में प्राय: झिझकते हैं। कैलासिया में यह कोई दुर्गुण नहीं, बल्कि उनकी विषय पर पकड़ को साबित करती है। वे हर विषय में इतने निपुण और जानकारी रखने वाले हैं कि उनसे बहस करना नामुमकिन है। कैलासिया प्रदेश के अच्छे क्राइम रिपोर्टर्स में से हैं। इस वजह से कई बार वे पुलिस महकमे के अफसरों की आंखों की किरकिरी भी बने। पर, कैलासिया ने रिपोर्टिंग का अपना स्टाइल नहीं बदला और जो सच लगा वह ही लिखा। तीन दशक से पत्रकारिता में सक्रिय कैलासिया ने स्कूली शिक्षा भोपाल के श्यामला हिल्स स्थित रीजनल स्कूल से पूरी की। इसके बाद 1984 में उच्च शिक्षा के लिए इंदौर चले गए। पिता के नईदुनिया से पारिवारिक रिश्ते थे, सो कैलासिया ने पढ़ाई के साथ नई दुनिया में काम करना शुरू कर दिया। पत्रकारिता के तत्कालीन पुरोधाओं के मार्गदर्शन में कोई ढाई साल तक पत्रकारिता की बेसिक ट्रेनिंग ली। धीमे-धीमे माहौल में ऐसे डूब गए कि पता ही नहीं चला कि कब पत्रकारिता का जुनून सवार हो गया। इसके बाद 1998 में इंदौर से प्रकाशित चौथा संसार से जुड़ गए। वरिष्ठ पत्रकार शिव अनुराग पटैरिया के साथ जो कि उस समय चौथा संसार के भोपाल ब्यूरो चीफ हुआ करते थे, के साथ खूब काम किया। नईदुनिया समूह के भोपाल-इंदौर संस्करणों के विभाजन के दौरान नईदुनिया भोपाल में स्व. मदनमोहन जोशी के सानिध्य में क्राइम रिपोर्टिंग की शुरुआत की। एक के बाद एक सक्सेस स्टोरीज ने उन्हें एक अच्छे क्राइम रिपोर्टर के तौर पर प्रदेश में स्थापित कर दिया। इसके बाद कैलासिया ने वर्ष 1995 में नवभारत में बतौर सीनियर क्राइम रिपोर्टर ज्वाइन किया। यहां तत्कालीन संपादक श्री विजयदत्त श्रीधर और श्री अवधेश बजाज के सानिध्य में अपनी पत्रकारिता को नए तेवर दिए। श्री बजाज ने क्राइम रिपोर्टिंग के साथ उनका पॉलिटिकल रिपोर्टिंग में भी उपयोग किया। इस दौरान उनकी भोपाल में हुए दंगे की सही, संतुलित और सटीक रिपोर्टिंग की खूब चर्चा हुई। इसके लिए उन्हें पुरस्कृत भी किया गया। वर्ष 2000 में दैनिक भास्कर भोपाल ने श्री कैलासिया के लिए बतौर चीफ क्राइम रिपोर्टर ऑफर किया। यहां उन्होंने संपादक श्री महेश श्रीवास्तव, नरेंद्र कुमार सिंह और स्व बाबूलाल शर्मा के साथ काम करते हुए पत्रकारिता को खूब निखारा। उनकी प्रतिभा को देखते हुए भास्कर ने उन्हें सिटी चीफ, सिटी भास्कर प्रभारी, डीबी स्टार में विशेष संवाददाता प्रमोट किया। इस बीच उन्होंने भास्कर ग्वालियर और पत्रिका जबलपुर में भी काम किया। इसके बाद उन्होंने इलेक्ट्रानिक मीडिया की ओर रुख किया। भास्कर ने उन्हें बीटीवी में प्रभारी संपादक बनाया। यहां श्री कैलासिया ने तीन साल तक करते हुए इलेक्ट्रानिक मीडिया में अपनी अलग पहचान बनाई। इस दौरान श्री कैलासिया को श्रेष्ठ पत्रकारिता के लिए कई पुरस्कार भी मिले। इनमें सत्यनारायण श्रीवास्तव श्रेष्ठ रिपोर्टिंग प्रमुख हैं। 995 पुरस्कार मिले हैं। श्री कैलासिया का कहना है कि पत्रकारिता में अब मूल्यों के साथ काम करने की बड़ी चुनौतियां हैं।

Dakhal News 6 December 2016

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