शिवराज ने अधिकारियों से कहा संवेदनशील बनो
shivraj singh samvedna

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि राज्य सरकार के पास संसाधनों की कोई कमी नहीं है, इसलिये संवेदनाओं की भी कमी नहीं होना चाहिये। उन्होंने कहा कि संवेदनशीलता से ही प्रशासनिक व्यवस्थाएँ जीवंत और प्रभावी होती हैं। श्री चौहान ने भोपाल में संभागायुक्तों, कलेक्टर्स और मुख्य कार्यपालन अधिकारियों की  कांफ्रेंस में कहा कि राज्य सरकार की ज्यादातर योजनाओं का क्रियान्वयन प्रशासनिक दक्षता के साथ मानवीय दृष्टिकोण की माँग करता है। उन्होंने जिला कलेक्टरों से कहा कि वे आगे बढ़कर लोगों की मदद करने और सेवा करने का दृष्टिकोण रखेंगे तो पूरा प्रशासन चुस्त-दुरूस्त हो जायेगा।

मुख्यमंत्री ने जमीनी स्तर पर विभागीय योजनाओं के प्रदर्शन और क्रियान्वयन में आने वाली संभावित बाधाओं की समीक्षा की। उन्होंने योजनाओं की समीक्षा के लिये तय मापदण्डों पर अच्छा प्रदर्शन करने वाले जिलों की प्रशंसा की और खराब प्रदर्शन वाले जिलों की समस्याओं को समझते हुए सुधार करने की नसीहतें भी दी।

मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों से कहा कि सेवा प्रदाय व्यवस्था में सुधार करें तथा व्यवस्था को पारदर्शी और जवाबदेह बनायें। अपना कर्त्तव्य निभाने में लापरवाही बरतने वाले अधिकारी-कर्मचारियों के विरूद्ध कार्रवाई करें और अच्छे अधिकारियों-कर्मचारियों की भरपूर तारीफ करें। उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता वाले कार्यक्रमों और योजनाओं में अधिकारियों के प्रदर्शन का उल्लेख उनकी सी.आर. में किया जायेगा।

श्री चौहान ने विभागवार योजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने मजदूरों को मजदूर कल्याण की विभिन्न योजनाओं का लाभ दिलाने के लिये उनके पंजीयन का व्यापक अभियान चलाने के निर्देश दिये। उन्होंने आगामी 31 मार्च तक सभी शहरों को खुले में शौच से मुक्त कराने का लक्ष्य पूरा करने के निर्देश दिये। कांफ्रेंस में सभी मंत्रीगण और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।

नागरिक केन्द्रित सेवाओं को और बेहतर बनायें

नगरीय प्रशासन से संबंधित विभिन्न कार्यक्रमों और योजनाओं की समीक्षा के दौरान श्री चौहान ने नागरिक केन्द्रित सेवाओं को और बेहतर बनाने के निर्देश देते हुए कहा कि लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत प्राप्त आवेदनों का शत-प्रतिशत निराकरण करें। अगले दो वर्ष में शहरी क्षेत्र में पाँच लाख मकान बनाने के लक्ष्य को पूरा करने के लिये तैयारी कर लें। नगरोदय अभियान के तहत गरीब कल्याण की विभिन्न योजनाओं में गरीबों को सुविधाएँ उपलब्ध करवाने के निर्देश दिये। शहरों में आवासीय पट्टे देने का काम प्राथमिकता से करें। शहरों में हाथ ठेला और रिक्शा चालकों को ई-रिक्शा देने की योजना बनायें। बताया गया कि आगामी जनवरी माह में होने वाले स्वच्छता सर्वे के लिये सभी नगरीय निकायों में तैयारी की जा रही है। प्रदेश में 5 हजार 584 करोड़ रूपये लागत की शहरी आवास योजनाएँ स्वीकृत की गई हैं। प्रदेश में नगरीय निकायों के 551 वार्ड खुले में शौच मुक्त किये गये हैं।

मजदूरी के भुगतान में देरी बर्दाश्त नहीं

श्री चौहान ने कहा कि गाँवों को खुले में शौच मुक्त करने के काम को प्राथमिकता दें। प्रभारी मंत्री इसकी नियमित समीक्षा करेंगे। उन्होंने कहा कि ग्रामीण आवास योजना में हितग्राहियों को दूसरी किश्त समय से मिलना सुनिश्चित करें। मनरेगा में मजदूरी के भुगतान में देरी बर्दाश्त नहीं की जायेगी। मुख्यमंत्री मजदूर सुरक्षा योजना की प्रभावी मॉनीटरिंग करने और इन योजनाओं में मजदूरों के पंजीयन का व्यापक अभियान चलाने के निर्देश दिये। बताया गया कि पिछले पाँच वर्ष में 9 लाख 73 हजार ग्रामीण आवास बनाये गये हैं।

राजस्व प्रकरणों के निराकरण का आकस्मिक परीक्षण करें प्रभारी मंत्री

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिये कि प्रभारी मंत्री एवं कमिश्नर राजस्व प्रकरणों के निराकरण की स्थिति की आकस्मिक परीक्षण करें। बँटवारे के प्रकरणों में नक्शों में तरसीम का अभियान चलाने, राजस्व न्यायालयों में लंबित प्रकरणों का निराकरण समय-सीमा में करने के निर्देश दिये। बताया गया कि 35 जिलों में अविवादित नामान्तरण के प्रकरणों का शतप्रतिशत निराकरण किया गया है। राजस्व प्रकरणों के निराकरण में तेजी लाने के लिये राजस्व निरीक्षकों को नायब तहसीलदार को अधिकार देने का निर्णय लिया है।

Dakhal News 25 October 2016

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